आज की कविता कान्हा जी जिन्हें हम भगवान श्रीकृष्ण कन्हैया जी के नाम से भी जानते है इसलिए आज कान्हा जन्म पर कविता हिंदी में यानि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कविता लिखी गई है ताकि विद्यार्थी जो कक्षा 1,2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के क्षात्र है वे अपने निबन्ध लेखन में अच्छा कर सके।
जन्माष्टमी पर्व को भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है यह पर्व पूरी दुनिया में पूर्व आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है जन्माष्टमी को भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी अवस्था और उल्लास से मनाते हैं श्रीकृष्ण युगो युगो से हमारी आस्था के केंद्र रहे हैं वह कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं तो कभी ब्रिज के नटखट कान्हा होते हैं क्या जानते हैं कि जन्माष्टमी कब और क्यों मनाते हैं आइए हम आपको इसका अर्थ बताते हैं।
![]() |
Krishna Janmashtami Poem Image |
भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है जन्माष्टमी पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है जो रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्री कृष्ण देवकी और वासुदेव के आठवें पुत्र थे मथुरा नगरी का राजा कौन था जो कि बहुत अत्याचारी था उनके अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे थे एक समय आकाशवाणी हुई कि उसकी बहन देवकी का आठवां पुत्र उसका वध करेगा यह सुनकर अपनी बहन को उसके पति वासुदेव सहित कालकोठरी में डाल दिया।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हिन्दी कविताएं | Poem on Krishna Janmashtami in Hindi
कंस ने देवकी के कृष्ण से पहले के साथ बच्चों को मार डाला जब श्री कृष्ण को जन्म दिया तब भगवान विष्णु ने वासियों को आदेश दिया कि वे श्री कृष्ण को गोकुल में यशोदा माता और नंद बाबा के पास पहुंचा जहां वह अपने मामा कंस से सुरक्षित रह सकेगा श्री कृष्ण का पालन पोषण यशोदा माता और नंद बाबा की देखरेख में हुआ बस उनके जन्म की खुशी से तभी से प्रतिवर्ष जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है।
भगवान श्री कृष्ण के जन्माष्टमी को पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन को लोग भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मानते हैं इस पर को रक्षाबंधन के बाद मनाया जाता है पुराणों के अनुसार सतयुग द्वापर नेता और कलयुग इन चारों युगों में समय काल विभाजित है द्वापर युग में युग पुरुष के रूप में असमान शक्तियों के साथ श्री कृष्ण ने भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के कंस के कार्य में जन्म लिया कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है अतः हर वर्ष भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष को जन्माष्टमी के रुप में मनाते हैं।