आज की कविता उल्लू जिसे हम Owls के नाम से भी जानते है इसलिए आज उल्लू पर कविता यानि Poem On Owls पर कविता लिखी गई है ताकि विद्यार्थी जो कक्षा 1,2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के क्षात्र है वे अपने निबंध परीक्षा में अच्छा कर सके।
उल्लु एक बड़ा ही रोचक या अनोखा पक्षी है। इसे मूर्ख पक्षी भी कहा जाता है लेकिन दोस्तो ये मूर्ख नही है । भारत मे उल्लु की सबसे ज्यादा प्रजातिया पाई जाती है। उल्लु दुनिया के हर कोने में पाया जाता हैं। सिवाय अन्टार्कटिका में। उल्लु को धन की देवी लक्ष्मी जी का वाहन भी माना जाता है। उल्लुवक औसत जीवन काल 20 से 30 साल तक का होता हैं। उल्लु का भोजन साप, चूहे, गिलहरी तथा किट पतंगे है। उल्लु बहुत सफल शिकारी हैं क्योंकि ये चुपचाप उड़ सकते हैं उल्लु की लगभग 200 सौ से ज्यादा प्रजातिया पाई जाती है उल्लु रात के समय बाहर निकलते हैं। जबकि ये सब दिन में सोते रहते हैं। चूहे उल्लु का खास भोजन होता है।
हिन्दू संस्कृति में माना गया है कि उल्लु समृद्धि और धन का प्रतीक माना जाता है। उल्लु ही एक ऐसा पक्षी है जो नील रंग का पहचान कर सकता है उल्लु की आँखे गोल गोल बड़ी होती है आजकल उल्लुओं की जनसंख्या लगातार घटती जा रही है। उल्लु की देखने की क्षमता ज्यादा होती है। उल्लु के पास तीन पलके होती है पहली सोने के लिए दूसरी आखो को साफ रखने के लिये और अंतिम और तीसरी पलक झपकने के लिये।
उल्लू पर कविता | Poem On Owl In Hindi
उल्लुओं के समूह को संसद कहा जाता है। उल्लु को दिन के बजाय रात को अच्छा दिखाई देता है उल्लु को बुद्धिमान पक्षियों में से एक माना जाता है। उल्लु ज्यादातर रात को ही शिकार करते हैं परंतु कुछ प्रजातिया दिन में भी शिकार करती है उल्लु का किसी के भी घर पर बैठना असुभ माना जाता है। उल्लु अपनी गर्दन को 270डिग्री तक घूम सकता है वो भी बिना अपने सिर को हिलाये।
उल्लु किसी भी चीज की लंबाई, चौड़ाई और उचाई देख सकता है. उल्लु उड़ते समय आवाज नही करते हैं क्योंकि इनके पंख हवा को सोख लेते हैं जिससे इनके पंखों से हवा के टकराने की आवाज नही आती है।उम्मीद करता हु की आपको ऊपर लिखी गई कविताएँ बहोत पसंद आएगी।